जिले के नगरी ब्लाक में 5 लोगों को हाथियों द्वारा कुचल कर मार डालने के बाद मंगल रोड ब्लॉक कल हुई घटना के बाद पूरे जिले में दहशत का माहौल
लोगों के मन में उठ रहे हैं कई सवाल क्या हाथियों को इस क्षेत्र से बाहर नहीं ले जाया जा सकता या फिर ऐसे लोगों को कुचल के मारते रहेंगे हाथी
चंदा हाथियों के दल ने झोपड़ी में सोये हुये आदिवासी कमार महिला को कुचल कर मार डाला
मगरलोड़
धमतरी जिले में चंदा हाथियों दल ने बीती रात दक्षिण सिंगपुर रेंज के ग्राम पारधी के कमार डेरा में सोये हुई आदिवासी कमार महिला को कुचल कर मार डाला । स्थल पर महिला का शव क्षत विक्षत बिखरा पड़ा हुआ है।शनिवार की सुबह घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग व मगरलोड़ पुलिस घटनास्थल में पहुँच कर आगे की कार्यवाही में जुट गई है।
उत्तर सिंगपुर रेंजर पीआर साहू ने बताया कि शुक्रवार की रात्रि चंदा हाथियों का दल सिंगपुर इलाके में पहुँच गया था। कक्ष क्रमांक 84 अतिक्रमण क्षेत्र के पारधी गांव तरफ जाने सूचना पर गजराज वाहन से ग्रामीणों को सुरक्षित दूसरे जगह पहुँचाया गया। कमार डेरा में कमार महिला गजराज वाहन में जाने से मना कर दिया था। फिर लगभग 2 बजे वाहन से महिला को लाने के लिए गए तब तक चंदा हाथियों का दल डेरा पहुँच गया था ।दंतैल चंदा हाथियों के दल ने झोपड़ी को तहस नहस कर दिया ।झोपड़ी के अंदर सोये हुई आदिवासी कमार महिला सुखमा बाई कमार पति लखनू राम को कुचल कर मार डाला है।मगरलोड़ पुलिस ने मर्ग कायम कर विवेचना शुरू कर दी है।
मगरलोड़ ब्लाक में दूसरी घटना है
ब्लाक में दंतैल हाथियों द्वारा दो आदिवासी महिला को कुचल कर मार डाला है। इससे पहले नवंबर 2021 मे दंतैल हाथियों ने भालूचुवा में कमार महिला को कुचल कर मार डाला था।
महुए की तलाश में डेरा में पहुँचा था चन्दा दल
पारधी के कमार डेरा में चन्दा हाथियों का दल महुआ गंध व खाने के लिए झोपड़ी को तोड़पोड किया है।
वही एक अधिकारी का कहना है कि व्हाट्सएप में भी हाथी जागरण ग्रुप बनाकर जागरण किया जा रहा है ताकि ग्रुप में जुड़े लोग लोगों तक हाथियों का लोकेशन पहुंचा सके
मगर आपको बता दें कि व्हाट्सएप ग्रुप में कुछ ऐसे लोग हैं जो अपने घर से बाहर नहीं निकलते मगर वन विभाग के कर्मचारियों से बकायदा बार बार लिखकर लोकेशन मांगते रहते हैं जैसे कि वह जंगल गांव में जाकर लोगों के बीच में बैठकर लोगों को समझाइश दे रहे हो और ग्रुप में अपशब्दों का भी प्रयोग उनके द्वारा किया जाता है मगर शायद अधिकारियों को यह अच्छा लगता होगा इसलिए उनको ग्रुप में स्थाई रूप से बनाए रखे हुए हैं या फिर और कुछ बातें हैं